Kunjani


जङ्गली बाह्रमासे

माला ली फूलका हाँसे

ढुक्कुर छ सपनामा

कोल्पू किनारा

झाङ झाडी लहलह

जूनको टहटह

पालुवा चहचह

आकाशमा झल्के थोरै

रातका सितारा।।4।।